लोकसभा चुनाव, बीजेपी कार्यालय में उमड़ रहा नेताओं का हुजूम, बस एक ही आवाज…जयश्री राम, टिकट दे दो

जयपुर. लोकसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही नेताओं को सांसद बनने के ख्वाब आने लग गए हैं. एक तरफ जहां राम मंदिर के उद्धघाटन के बाद बीजेपी में आने वाले नेताओं की लाइनें लगी है. दूसरी तरफ राजस्थान बीजेपी के प्रदेश कार्यालय में लोकसभा का टिकट चाहने वालों का तांता लगा हुआ है. राजधानी जयपुर स्थित प्रदेश बीजेपी के मुख्य कार्यालय की आजकल रौनक ही कुछ अलग हो रही है. वहां टिकटार्थियों का सैलाब उमड़ रहा है. इनमें कई ऐसे भी हैं जो न कोई वर्तमान और न ही कोई पूर्व विधायक या सांसद हैं. ये ऐसे कार्यकर्ता हैं जो सीधे पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ने की ख्वाहिश पाले जयपुर आ जमे हैं.

जयपुर स्थित भाजपा कार्यालय में दावेदारों की भीड़ मोदी मैजिक का इशारा देने लगी है. टिकट की चाह नेताओं के सिर चढ़कर बोलने लगी है. टिकटार्थियों की भीड़ केंद्रीय मंत्रियों को इस कदर घेरनी लगी है कि गजेंद्र सिंह शेखावत जैसे मंत्री को तो सांस लेने तक की फुर्सत नहीं है. प्रदेश के कोने कोने से दावेदारों का हुजूम बीजेपी दफ्तर में उमड़ रहा है. जय श्रीराम के जयकारों से कार्यालय गुंजायमान हो रहा है. नेताओं से अनुनय विनय किया जा रहा है. खुद को दावेदार और जीताऊ करार देकर माननीयों पर प्रभाव छोड़ने की कोशिश की जा रही है. इसी उम्मीद में कि मंत्रीजी की मेहरबानी हो जाये तो दिल्ली दरबार से टिकट मिलने की राह आसान हो जायेगी. बीजेपी लोकसभा चुनाव में इसे पार्टी के लिए शुभ संकेत करार दे रही है.

केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल का भी दावेदारों की भीड़ पीछा नहीं छोड़ रही है. एक-एक दावेदार बायोडेटा के कई-कई सेट लेकर पहुंच रहा है. मेघवाल को जीत के समीकरण बताने की जद्दोजहद कर रहा है. नए नवेले नेता भीड़ में चेहरा दिखाकर और अपना सीवी देकर खुश हो रहे हैं. लेकिन उन्हें मंत्रीजी को अपनी खूबियां बताने के लिए समय मिलना मुश्किल हो रहा है. बीजेपी में टिकटार्थियों की इस बाढ़ के पीछे पीएम मोदी की लोकप्रियता और एक बार फिर केंद्र में मोदी सरकार बनने की संभावनाओं को बड़ी वजह बताया जा रहा है. इसलिए टिकटार्थियों के मेले नेताओं को बड़े बड़े दावे करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

पूर्वी राजस्थान की धौलपुर-करौली सीट से सबसे ज्यादा दावेदारियां पेश की गई हैं. मनोज राजोरिया यहां से दूसरी बार सांसद हैं. ये इलाका किसी वक्त कांग्रेस के सबसे मजबूत किलों में गिना जाता था. लेकिन दो बार की मोदी लहर ने कांग्रेस को यहां बैकफुट पर धकेल दिया है. जाहिर है दलित मतदाताओं का बीजेपी के प्रति झुकाव और पीएम मोदी की नीतियों से एससी समुदाय बड़ी तादाद में पार्टी के साथ जुड़ा है. इसलिए इस सीट से करीब 70 नेताओं ने चुनाव लड़ने की दावेदारी पेश की है.

यह सीट एससी के लिए रिजर्व है. लिहाजा यहां जाटव, कोली, खटीक, बैरवा और इस वर्ग की कई जातियों के कई कद्दावर नेता कतार में हैं. कई तो वर्तमान सांसद के खिलाफ मोर्चा खोल रहे हैं. इनमें एक दर्जन रिटायर्ड प्रशासनिक अधिकारी भी शामिल हैं जो अब सियासत में एंट्री चाहते हैं. वहीं भरतपुर और दौसा सीट से भी दावेदारों की भरमार है. बीजेपी के बड़े नेता चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओं को बस एक ही संदेश दे रहे हैं कि पार्टी को चुनाव जीताने में जुट जायें. चेहरा कोई भी आये. बस कमल के फूल को प्रत्याशी मानकर चुनाव जीताना है. प्रधानमंत्री मोदी को तीसरी बार पीएम बनाना है.

इसे पीएम मोदी का करिश्मा कहें या भाजपा के संगठन की ताकत. बीजेपी उत्तर भारत में अजेय बनने की तरफ बढ़ रही है. पीएम मोदी के ‘विकसित भारत’ संकल्प के साथ हर वर्ग जुड़ता दिख रहा है. पार्टी का संगठन हर घर दस्तक देकर मोदी सरकार की दस साल की उपलब्धियों के प्रचार के दम पर इस बार चार सौ पार का नारा बुलंद कर रहा है. जाहिर मोदी की पीएम के रूप में हैट्रिक की आस नेताओं को सब कुछ दांव पर लगाने के लिए प्रेरित कर रही है. आखिर उम्मीद ही तो है जो अरमानों को अंजाम तक पहुंचाती है.

Tags: Jaipur news, Loksabha Elections, Rajasthan news, Rajasthan Politics

Source link

news portal development company in india
Recent Posts